रविवार, 31 मई 2015

बचपन ५-८

खेल
चाँदनी के उजास में
झिलमिलाती झील के किनारे
पसरे उजाड़ में
एक छोटा लड़का और एक छोटी लड़की
एक विशाल नारंगी गेंद से
खेल रहे थे;
वो सूर्य था।

स्पीड ब्रेकर
बचपन के मैदानों से निकलकर
छोटी सी छोकरी
प्यार की ढलानों पर 
उत्साह से साईकिल दौड़ा रही थी।
रास्ते में बाँध सा ऊँचा
स्पीड ब्रेकर आया …
साईकिल उछली, लड़की सड़क किनारे खड़े
अचंभित से खम्भे के आधार पर
मुँह के बल गिरी
ठुड्डी फूट गयी, रक्त बह चला।

आधिपत्य
एक गज बाई एक गज की जमीन पर
हमने अपना आधिपत्य घोषित किया
इमारतें, रेलवे स्टेशन, खेत, टंकियाँ,
सड़कें, कीचड़, टेबलें, कुर्सियाँ,
सपने, मिटटी और चुम्बन
इन सबको लेकर शहर बनाया
भीड़ और प्रदूषण से मुक्त
रीसाइकलेबल शहर
आदर्श शहर
दो सींकें गाड़कर कागज़ से स्वागत द्वार बनाया
उसपर लिखा "कॉपीराईट © ऑल राईट्स रिज़र्व्ड"

उत्सव 
कंकड़ पत्थरों से भरे
एक उबड़ खाबड़ मैदान को मैंने
समतल बनाया
और बहत्तर-बीसी कविताएँ
बड़ी नज़ाकत से बिछा दीं

आसमान से देवताओं की जमात
ताली बजाते हुए उतरी;
मेरी कविताओं पर कूद-कूद कर
एक-एक की मिट्टी पलीद कर दी।

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