रविवार, 6 सितंबर 2015

राजेश जी शर्मा

राजेश जी शर्मा हमें विज्ञान पढ़ाते थे
उनको बहुत इंग्लिश नहीं आती थी
और वो अपनी बी.एससी. पूरी करने की कोशिश कर रहे थे
उनकी समस्याएं साधारण (जिनसे आप बोर हो चुके होंगे)
और जीवन मुश्किल था
वो हमें विज्ञान मेले में ले गए
सुबह क्विज के लिए तैयार होने को उठाया
हमारे दिल में विज्ञान के प्यार की अलख जगाई
हमारे घड़े को जूतों से घड़ा


अब हमने इंग्लिश सीख ली है
एम्.एससी. कर ली है
हमारे जीवन मुश्किल नहीं हैं
हमारी समस्याएं असाधारण हैं (जिनकी कविताएँ आप पढना चाहते हैं)
पर हम जब सुबह उठते हैं
तो वो हमसे पहले उठते हैं हमारी नींद में से
कमरे में टहलते हैं
कहते हैं
“क्या तुमने कभी सोचा है?”


(शिक्षक दिवस पर)