समक्ष खड़े शख्स के शब्दों से भागते हुए
उसके चेहरे के उतारों और चढ़ावों पर निगाह सरकाते हुए
तुम धीरे धीरे नीचे आते हो
और अन्यमनस्कता को बड़े यत्न से छुपाकर
आर्त्त बेबसी जाहिर करते हुए
कान खड़े किये फ़ोन की तरफ देखते हो
नोटिफिकेशन या मैसेज न हो तो समय ही देख लो
पर
स्क्रीन में
एक घातक दरार है
भाग कर तुम लैपटॉप का फ्लैप खोल कर देखते हो
बातचीत के प्रवाह पर बड़ी अशिष्टता से कुल्हाड़ी चलाकर
उद्विग्नता तुम्हारी एक झटके से झन्नाकर पहाड़ी से कूद जाती है
टूटी हुई स्क्रीन के चर्राकर बाहर आए कोनों के पीछे
सिलिकॉन की हरी सर्किट छपी परत की झलक
त्राहि! त्राहि!
कलाई पर पहनी स्मार्टवाच पर रग्गे आ लगे हैं कहीं से
कुछ कह पाने की हालत में नहीं है वो
डेस्कटॉप, किंडल, टेबलेट
किसी अनदिखे स्क्रीन-संहार की शिकार हो चुकीं
घबराहट के मारे लम्बी सांस लेकर तुम
यह मानने की कोशिश करते हो
कि तुम ब्रह्माण्ड में अकेले हो
तुम्हारी कनपटियों से पसीने के नाले बह चलते है
और नसों की धमक से छत हिलने लगती है
स्वप्न से झटके से उठकर
१२X१२ के शीशे में
देखते हो अपनी भयातुर आकृति को
काश पिक्सलर उसे
टच अप करके, लाइकेबल बना कर
इन्स्टाग्राम पर पोस्ट करने की गुज़ारिश करे तुमसे
अधीर होकर दिलासा देते हो स्वयं को
दुनिया से सीधे बात करते वक़्त भी तुम
लगभग वही काम करने की क्षमता रखते हो...
पर क्या सच में?
स्क्रीन में
एक घातक दरार है
भाग कर तुम लैपटॉप का फ्लैप खोल कर देखते हो
बातचीत के प्रवाह पर बड़ी अशिष्टता से कुल्हाड़ी चलाकर
उद्विग्नता तुम्हारी एक झटके से झन्नाकर पहाड़ी से कूद जाती है
टूटी हुई स्क्रीन के चर्राकर बाहर आए कोनों के पीछे
सिलिकॉन की हरी सर्किट छपी परत की झलक
त्राहि! त्राहि!
कलाई पर पहनी स्मार्टवाच पर रग्गे आ लगे हैं कहीं से
कुछ कह पाने की हालत में नहीं है वो
डेस्कटॉप, किंडल, टेबलेट
किसी अनदिखे स्क्रीन-संहार की शिकार हो चुकीं
घबराहट के मारे लम्बी सांस लेकर तुम
यह मानने की कोशिश करते हो
कि तुम ब्रह्माण्ड में अकेले हो
तुम्हारी कनपटियों से पसीने के नाले बह चलते है
और नसों की धमक से छत हिलने लगती है
स्वप्न से झटके से उठकर
१२X१२ के शीशे में
देखते हो अपनी भयातुर आकृति को
काश पिक्सलर उसे
टच अप करके, लाइकेबल बना कर
इन्स्टाग्राम पर पोस्ट करने की गुज़ारिश करे तुमसे
अधीर होकर दिलासा देते हो स्वयं को
दुनिया से सीधे बात करते वक़्त भी तुम
लगभग वही काम करने की क्षमता रखते हो...
पर क्या सच में?
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